१ अक्टूबर को विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर विशेष लेख : टी.पी.सी. गुप्ता, अधिवक्ता, दुर्ग

०१ अक्टूबर विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर वृद्धजनों के सामाजिक, आर्थिक स्थितियों उनको समाज द्वारा सम्मानपूर्वक समाहित किए जाने के प्रयासों की समीक्षा करने की आवश्यकता है । आधुनिक रहन-सहन व्यवहार में सामंजस्य आवश्यक है क्योंकि आज देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या लगभग साढ़े ७ करोड़ है, जो कुल जनसंख्या का ७.६ प्रतिशत है, उसमें ९० प्रतिशत को किसी सामाजिक सुरक्षा योजना के अन्तर्गत कोई सहायता प्राप्त नहीं है । ८० प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, ण्‍ण्‍ प्रतिशत महिलाएं विधवा है, परित्याक्ता है, ण्‍० प्रतिशत किसी ने किसी बिमारी के शिकार है, ४० लाख मानसिक आकुलता व्याधि से ग्रस्त है ।

वरिष्ठ नागरिकों हेतु सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं:-

पिछले कुछ वर्षों से शासन ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं प्रारम्भ की है जो उनके स्वास्थ, उनके सामाजिक, आर्थिक हितों, आत्मनिर्भरता का ध्यान रखने वाली है ।

केन्द्र सरकार ने १९४९ में वरिष्ठ नागरिकों हेतु राष्ट्रीय नीति घोषित किया है । जिसमें उनके स्वास्थ तथा अन्य हितों का प्रावधान है । यह योजना परिवार में वृद्धजनों के देखभाल हेतु परिवार के सदस्यों को प्रेरित करती हूँ । इसमें स्वयं सेवी संस्थाओं, अशासकीय व अनुदान प्राप्त संस्थाओं से सहयोग करते है उन्हें आर्थिक मदद कर वृद्धजनों हेतु उनकी देखभाल, सुरक्षा, चिकित्सा का प्रावधान करती है । वृद्धों की समस्याओं के निराकरण कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की जिम्मदारी उठाती है ।

उपरोक्त नीति के अन्तर्गत कुछ नई


सुखद बुढ़ापे की अवधारणा को फलीभूत करना ।
गैर शासकीय संस्थाओं सहित अन्य को वृद्धों की देखभाल हेतु आवश्यक सामग्रियों का उत्पादन व वितरण ।
वरिष्ठ नागरिकों हेतु अलग लाइन व जिला चिकित्सालयों के भय्याओं का आरक्षण ।
``अन्तयोवय'' योजना के अन्तर्गत रियायती दरों पर खाद्य सामग्री वृद्धों, परित्यक्तों व कमजोर वर्ग हेतु ।
६ण्‍ वर्ष से अधिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों हेतु पेंशन ।
वृद्धजनों हेतु समन्वित कार्यक्रम :-

इस योजना के अन्तर्गत शासन गैर शासकीय संगठनों की वृद्धाश्रम बनाने व उसके संचालन का ९० प्रतिशत तक अनुदान देती है इसके अतिरिक्त मोबाइल डिसपेन्सरी डे वेयर सेन्टर गैर संस्थागत सेवाओं हेतु भी अनुदान देती है ।

पंचायती राज संस्थाओं हेतु सहयोग - स्वयंसेवी संस्थाओं, स्व-सहयोग संगठनों वृद्धजनों के उपयोग हेतु संस्था चलाने एक मुश्त आर्थिक सहायता ।

पेंशनरों के लिए क्रोनिक बीमारियों हेतु ३ माह की एक बार में दवाईयों ।

वरिष्ठ नागरिकों हेतु मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम जिसमें जूल्सी नर्स पर्किसन आदि शामिल है ।
पिछले बजट में मासिक आय, चिकित्सा बीमा योजना आदि का प्रावधान किया गया है ।

१. नेशनल हाउसिंग बैंक की ``टिवर्स मोटेगेज योजना - जिसके अन्तर्गत कोई भी वरिष्ठ नागरिक जिसका अपना मकान हो उसे बंधक रखकर नियमित मासिक आय प्राप्त कर सकता है। वह जीवनकाल तक अपने मकान का मालिक

आय पर्याप्त नहीं है या वे लोग जिनके पास पेंशन का विकल्प नहीं है व जिन्होंने अपनी पूरी कमाई बच्चों के पढ़ाई लिखाई, लालन-पालन में या मात्र एक मकान बनाने में लगा दी है तथा वे अब अकेले रह रहे हैं, जिनके पास मकान तो है जिसकी कीमत लाखों या करोड़ों में है पर दैनंदिनीय खर्चों हेतु निश्चित आय नहीं है । वे कीमती मकान बेचकर कहीं और रहना नहीं चाहते हैं क्योंकि नई जगह में रहने से सामन्जस्य की समस्य व मकान बेचने दूसरा खरीदने में इस आयु में होने वाली जटिलताओं से बचना चाहते हैं ।

इस योजना के अन्तर्गत कोई भी वरिष्ठ नागरिक यदि उसकी आयु ६२ से ७० वर्ष है तो कीमता का ४ण्‍% यदि आयु ७१ से ७ण्‍ वर्ष है तो ण्‍० प्रतिशत ७६ से ८० वर्ष हो तो ण्‍ण्‍ प्रतिशत ८० वर्ष पश्चात ८० प्रतिशत तक राशि प्राप्त कर सकता है । प्राप्तकर्ता निश्चित मासिक आयु का विकल्प भी प्राप्त कर सकता है । योजना के अन्तर्गत प्रत्येक ण्‍ वर्ष में मकान की कीमी का बाजार भाव के आधार पर पुन: मूल्यांकन व राशि में पुन: गणना का प्रावधान भी है । मृत्यु होने की स्थिति में बंधक राशि का समायोजन कर बकाया राशि उत्तराधिकारी को वापस कर दी जावेगी ।

वरिष्ठ नागरिकों व आश्रितों का भरण पोषण अधिनियम :- केन्द्रीय मंत्री मण्‍डल ने इस अधिनियम को मंजूरी दे दी है जिसके अन्तर्गत जो बच्चे अपने माता-पिता का भरण पोषण सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने से मना करते हैं उन्हें ण्‍०००/- रु. का जुर्माना व ३ माह तक की सजा दी जा सकती है । क्रिमिनल प्रोसिजर एक्ट की धारा १२ण्‍ के अन्तर्गत वर्णित अन्य प्रावधान भी इसमें लागू होंगे व न्यायायिक प्रकरण द्वारा जारी इसके अतिरिक्त बैंकों अनेक वित्तीय संस्थाओं द्वारा वरिष्ठ नागरिकों हेतु अधिक ब्याज देने वाली जमा योजनाएं शुरु की है । आयकर में छूट की सीमा वरिष्ठ नागरिकों हेतु बढ़ी है । कई राज्य वरिष्ठ नागरिक जो अकेले रहते हैं उनके बिजली टेलिफोन बिल आदि । पुलिस विभाग के सहयोग कर एकत्र करने व भुगतान पश्चात रसीद देने की व्यवस्था भी करते हैं ।

इसी प्रकार एज वेल फाउन्डेशन नाम से एक मूल योजना भी प्रारंभ की गई है जो वरिष्ठ नागरिकों समाज में उनकी भागीदारी व उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने सहयोग देती है इसके अन्तर्गत वह वृद्धजनों को ट्यूटर, एकाउन्टेन्ट आदि की नौकरी उन्हीं के निवास के आसपास उपलब्ध कराने का प्रयास करती है । उनके दृष्टिकोण से वरिष्ठ नागरिक मानव संसाधन विकास शक्ति के स्त्रोत है व उनका सहयोग समाज की उन्नति में सहायक है । ``टॉपस'' ग्रुप एयर रेस्वन्यू ने एक योजना प्रारंभ की है जिसके अन्तर्गत १ण्‍०/- रु. प्रतिमाह देने से आप आपत स्थिति में डॉक्टरों, पेरामेडिकल स्टाफ, जीवन रक्षा उपकरणों से युक्त एम्बूलेंस अपने निवास में प्राप्त कर सकते हैं । आवश्यकता पड़ने पर आपको पास के शहर में विशेष चिकित्सा हेतु वायुयान से भी लाया जा सकता है । इसका मुख्यालय मुम्बई में है व देश के विभिन्न शहरों में इसकी ९० शाखाएं हैं । उपरोक्त योजनाएं वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण व उन्हें अच्छी, प्रभावशाली, शांतिमय आर्थिक रुप से स्वावलंबित जीवन बिताने में मदद्गार होगी ।
वृद्धावस्था एक जैविक एवं एक ही दिशा की ओर प्रेरित अपरिवर्तनीय एक नैसर्गिक प्रक्रिया


ठाती है ।
उपरोक्त नीति के अन्तर्गत कुछ नई योजनाएं प्रारम्भ की गई उनमें कुछ इस प्रकार है :-
वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी - आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्राथमिक स्वास्थ केन्द्रों में सुविधाओं का विस्तार ।
मेडिकल व पैरामेडिकल कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण जिससे वे वृद्धों से संबंधित बिमारियों का निदान कुशलतापूर्वक कर सकें ।


रखकर नियमित मासिक आय प्राप्त कर सकता है। वह जीवनकाल तक अपने मकान का मालिक बन सकता है व उसमें निवास करते रह सकता है ।
इस योजना का लाभ ६२ वर्ष से अधिक आयु कोई भी व्यक्ति उठा सकता है, बंधक मकान के एवज में प्राप्त राशि को उन्हें वापस करने की बाद्यता भी नहीं है । यह योजना इन लोगों के लिए विशेष रुप से उपयोगी होगी जिनकी पेंशन से प्राप्त

भी इसमें लागू होंगे व न्यायायिक प्रकरण द्वारा जारी आदेश उपरोक्त अधिनियम के अध्याय ९ के समान ही प्रभावशील माना जावेगा । इसके अन्तर्गत कोई भी वृद्ध न्याययिक प्राधिकरण में आवेदन दे सकेगा व अपने वयस्क बच्चों से गुजारा भत्ता प्राप्त कर सकेगा, इसके अन्तर्गत बच्चों को माता-पिता के उत्तराधिकार से भी वंचित किया जा सकता है । अधिनियम की एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें न्यायिक प्रक्रिया में लगने वाले विलम्ब से बचने के लिए अधिवक्ताओं को इसके अन्तर्गत अलग रखा गया ह ैव सीधे आवेदन दिया जा सकता है जो सब डीविजनल मजिस्ट्रेट के अधीन न्यायिक प्राधिकरण ६ माह के अन्तर्गत आवेदन पर आदेश पारित रगेगा ।
यद्यपि इस अधिनियम के अन्तर्गत हितग्राही होने के आयु ६० वर्ष है व निराश्रित परिव्यकिता, बेरोजगार, विधवाएं ६० के पूर्व भी इसके अन्तर्गत लाभ प्राप्त कर सकती है । इसके अन्तर्गत परिवार का कमाऊ सदस्य से अधिकतम १०,०००/- की राशि गुजारा भत्ता के रुप में दिलावाई जा सकती है । स्थानीय पुलिस स्टेशनों को क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों का रिकार्ड भी रखना होगा ।
वरिष्ठ नागरिकों हेतु स्वास्थ बीमा योजना :- वित्त मंत्रालय द्वारा ण्‍० करोड़ की सहयोग राशि इस बीमा योजना के अंशदान के रुप में देने का निर्णय लिया है, जिससे बीमा कंपनियाँ प्रीमियम राशि में कमी सहित थर्ड पार्टी बीमा योजना से मना न कर सकेगी।
इसके अतिरिक्त बैंकों अनेक वित्तीय स


की ओर प्रेरित अपरिवर्तनीय एक नैसर्गिक प्रक्रिया है इसके बावजूद भी वरिष्ठ नागरिक क्रियाशील रहते हुए समाज में अपना योगदान देते रहे व इसे भ्रामक सिद्ध कर दे कि जीवन ६० वर्ष पश्चात निष्क्रिय हो जाता है जब ६७ वर्ष की आयु में विजयपत सिंघानिया गर्म हवा के बेलून में उड़ कर विश्वस रिकार्ड बना सकता है । देवानांद ८३ वर्ष में भी फिल्म निर्माण में क्रियाशील है तो प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को उत्पादोपयोगी वृद्धावस्था में बदलना चाहिए । उन पर समाज का ऋण है, समाज ने उन्हें बचपन तरुणाई में दिया है। उस पर अनुभव का लेप लगाकर वापस करने का समय है, उन्हें समाजोपयोगी लोक कल्याण में मृत्योपर्यन्त लगे रहना चाहिए ।

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