जिला न्यायालय की गरिमा हेतु सुझाव

दुर्ग । जिला न्यायालय में आये दिन असमाजिक तत्वों के द्वारा गाली गलौच करते रहना या न्यायालय परिसर में सरेआम शराब पीकर गंदे-गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया जाना जिससे दिन-प्रतिदिन न्यायालय सहित अधिवक्ताआें की प्रतिष्ठा, मान-सम्मान, गरिमा को क्षति पहुँचती है । साथ ही न्यायालय परिसर में दलालों की संख्या में बेहिसाब बढ़ोत्तरी हुई है जिसके साथ दलालों के अवैध कारोबार के साथ-साथ न्यायालय परिसर में व्यवसायिक परिसर में भांति चना-मुर्रा, फल-फूल वगैरह एवं कपड़ा आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की वस्तुएं अज्ञात व्यक्तियों द्वारा विक्रय की जाती है जिसमें न्यायालय सहित अधिवक्ताआें की व्यवसाय प्रभावित हो रहा है ।
प्राय: ९०% प्रकरणों में जमानत करवाई जाती है और फर्जी जमानतदारों एवं दलालों के कारण न्यायालय का वातावरण दूषित हो रहा है । अधिवक्ता संघ दुर्ग के साथ-साथ जिला न्यायालय के अधिकारियों के साथ संयुक्त रुप से न्यायालय परिसर में होने वाले अवैध व्यक्तियों (दलालों) के खिलाफ जनहित में आवश्यक कार्यवाही किया जाना न्यायोचित होगा जिससे कि न्यायालय सहित अधिवक्ताआें के मान-सम्मान, प्रतिष्ठा एवं गरिमा को धूमिल होने से रोका जा सके एवं न्यायालय परिसर में आम नागरिकों एवं अधिवक्ताआें के साथ-साथ न्यायालय में न्याय की गरिमा को सुरक्षित रखा जा सके । अभिभाषक वाणी के माध्यम से उक्त सुझाव देने वालों में अधिवक्तागण सर्वश्री प्रमोद तिवारी, नवाब मोहम्मद, चंद्रशेखर मिश्रा, विजय बन्धे, विष्णु प्रसाद देवांगन, हेमलता अग्रवाल व कृष्णा बांधे शामिल है ।

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