कुछ समस्याएं
भिलाई में छ.ग. स्थान नियंत्रण अधिनियम लागू हो
दुर्ग अ.व. । कायनेटिक प्रोग्रेसिव लायर्स द्वारा छ.ग. के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष को जिलाधीश दुर्ग के माध्यम से एक ज्ञापन प्रेषित कर भिलाई नगर पालिक क्षेत्र में छत्तीसगढ़ स्थान नियंत्रण अधिनियम लागू करने की मांग की है ।
प्रेषित ज्ञापन के अनुसार मध्यप्रदेश स्थान नियंत्रण अधिनियम १९६१ को म.प्र. विधानसभा द्वारा अधिनियमित किया गया था तथा उक्त अधिनियम ३० दिसम्बर १९६१ को म.प्र. राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित कर लागू किया गया था तत्पश्चात उक्त अधिनियम में कतिपय संशोधन करते हुए संशोधित अधिनियम १९८३ को दिनांक ५ जुलाई १९८३ को म.प्र. (असाधारण) में प्रकाशित कर पुन: लागू किया गया ।
चूंकि पहले उक्त अधिनियम म.प्र. राज्य के कुछ नामांकित शहरों में लागू किया गया परन्तु शासन के लिए व्यवस्था दी गई थी कि राज्य सरकार किसी दिनांक को किसी भी स्थान पर उक्त अधिनियम लागू कर सकती है । पहले उक्त अधिनियम दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र में लागू किया गया था परन्तु अब स्थिति बदल गई है चूंकि साडा समाप्त हो चुका है तथा भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा अधिकांश मकानों का विक्रय भी किया जा रहा है एवं भिलाई नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र में कई नयी-नयी आवासीय कालोनियाँ बन गयी है जिससे आये दिन भवन स्वामी व किरायेदार का विवाद होते रहता है इस प्रकार अधिनियम लागू न होने के कारण भिलाई नगर पालिक सीमा क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले भवन स्वामी व किरायेदार के विवाद के निराकरण में काफी समय लगता है तथा कई प्रकार से असुविधा होती है । अधिनियम लागू न होने से भवन स्वामियों द्वारा मनमाने दर से किराया वसूली की जाती है तथा किसी भी समय भवन खाली करने की धमकी भी देते हैं जिससे किरायेदार को अधिनियम में प्राप्त संरक्षण नहीं मिल पाता है । कायनेटिक प्रोग्रेसिव लायर्स के अध्यक्ष एडव्होकेट आर.एस. यादव ने भिलाई नगर पालिक निगम क्षेत्र में भी स्थान नियंत्रण अधिनियम लागू किये जाने की आवश्यकता को देखते हुए इस दिशा में विचार करते हुए उक्त अधिनियम लागू करने के लिए विधिवत कार्यवाही किए जाने की मांग की है ।
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