एक सेवानिवृत्त लिपिक का साक्षात्कार

दुर्ग, अ.वि. । ``अपने ३६ वर्ष के न्यायालयीन कार्य में सेवा के दौरान कोई क्षण ऐसा नहीं आया जब मुझे लगा कि मैं गलत जगह नौकरी पर आ गया'' उक्त बातें अभिभाषक वाणी से जिला न्यायालय दुर्ग से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए न्यायालयीन कर्मी श्री अशोक कुमार पंड्या जिन्हें सभी वकील भाई पंड्या भईया के नाम से पुकारते हैं अपने अनुभव बांटते हुए व्यक्त किए।


फरवरी सन् १९७२ में साक्ष्य लेखक के रुप में भर्ती होकर श्री पंड्या रायपुर जिला न्यायालय में जिला न्यायाधीश रायपुर के न्यायालय में पदस्थ हुए तथा १९७५ में दुर्ग स्थानांतरित हुए तथा तत्कालीन ए.डी.जे श्री एल.एन. तिवारी के न्यायालय में पदस्थ हुए । तथा अपने संपूर्ण सेवाकाल के दौरान लगभग २० जिला न्यायाधीशों के अधीनस्थ काम करने का आपको मौका मिला। जिनमें से एक श्री व्ही.के. श्रीवास्तव बाद में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रुप में पदस्थ हुए । श्री पंड्या ने बताया कि न्यायालय में नौकरी के पूर्व वन विभाग में रेंजर की नौकरी के अलावा सेना में जाने का भी उन्होंने विचार किया था पर भाग्य में न्यायालय की सेवा ही लिखी थी जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया । अपनी पुरानी यादों को सहेजते हुए श्री पंड्या ने जानकारी दी कि बीस वर्ष पूर्व के न्यायाधीशों, बाबुओं और वकीलों की संख्या भले ही कम रही हो पर काम में गज़ब की तेजी रहती थी और उनमें आपसी सामंजस्य भी काफी अच्छा रहता था । वकील साहब लोग कभी हुई किसी गलती को बड़ी ही विनम्रता और स्नेह से प्रकट करते थे । पुराने अधिवक्ता संघों के बारे में पूछने पर पंड्या जी ने बताया कि पहले के संघों में बहुत ज्यादा कार्यक्रम या समारोह नहीं होते थे तथा वे आज के संघों जितने सक्रिय भी नहीं रहते थे । अपने सम्पूर्ण सेवाकाल पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए श्री पंड्याने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी पुत्री का विवाह हो चुका है तथा पुत्र प्रतीक पंड्या विधि की उपाधि ग्रहण करने के पश्चात वकालत के पेशे में आ गया है । तथा वर्तमान में न्यायिक सेवा में जाने हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है । न्यायिक कर्मचारी संघ में हमेशा सक्रिय रहने वाले श्री पंड्या ने `अभिभाषक वाणी' के प्रकाशन पर हर्ष व्यक्त करते हुए वकालत के पेशे में नए शामिल हुए लोगों से मृदुभाषी, संतुलित व्यवहार और कठिन परिश्रम का पालन करने की सलाह दी ।


सेवानिवृत्त होने के बाद श्री पंड्या ने बताया कि उन्हें नौकरी हेतु बहुत ऑफर मिल रहे हैं पर वे फिलहाल रिटायर्ड लाईफ का आनंद उठाना चाहते हैं ।

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