निष्पक्ष न्याय देश के विकास में सहायक : न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन
पटना । पटना में ``प्लानिंग एण्ड मैनेजमेंट फार टाईमली जस्टिस'' विषय पर आयोजित कार्यशाला में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री के.जी. बालकृष्णन ने कहा है कि जिस देश में न्याय प्रक्रिया निष्पक्ष होती है वहाँ विदेशी पूंजी निवेश की संभावना अधिक रहती है और इस तरह निष्पक्ष न्याय की देश के विकास में एक अहम भूमिका है ।
न्यायमूर्ति श्री के.जी. बालकृष्णन ने कहा कि उच्चतम न्यायालयों में मामलों के निष्पादन में पहले की तुलना में दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि नए मामलें दायर किए जाने की दर में तेईस प्रतिशत वृद्धि हुई है । उन्होंने कहा कि इन दोनों के बीच के अंतर को कम करना कठिन साबित हो रहा है ।
इस कार्यशाला में पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री आर.एम. लोढ़ा ने कहा कि मामलों के निष्पादन में सिर्फ तेजी लाना ही काफी नहीं होता बल्कि यह भी देखना होगा कि न्याय की गुणवत्ता भी बनी रहे ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल आर.एल. भाटिया ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों में काफी समय से लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी लाए जाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए तथा इस हेतु मोबाईल कोर्ट एवं अन्य प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि लंबित मामलों के बोझ में कमी आ सके । कार्यशाला को बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा भी संबोधित किया गया ।
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री के.जी. बालकृष्णन के अनुसार निष्पक्ष न्याय देश के विकास और समृद्धि में काफी सहायक होता है तथा एक अहम भूमिका अदा करता है । श्री बालकृष्णन ने उच्चतम न्यायालय में मामलों के निष्पादन और नए मामलों के दायर किए जाने प्रतिशत के बीच अंतर को कम करने में होने वाली कठिनाई का भी जिक्र किया है ।
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