जिला अधिवक्‍ता संघ, दुर्ग (छ.ग.) की आनलाईन मासिक पत्रिका

मानस में बिखरे शव्दों को समेटने की कोशिस और दायित्वों के साथ रेत के घरौंदे में उसे साकार देखने का दिवास्वप्न .... इन सब के साथ बटकी में बासी और चुटकी में नमक से संतुष्ट एक छत्तीसगढिया

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1 comments:

seema gupta 25 July 2008 at 11:18  

मानस में बिखरे शव्दों को समेटने की कोशिस और दायित्वों के साथ रेत के घरौंदे में उसे साकार देखने का दिवास्वप्न .... इन सब के साथ बटकी में बासी और चुटकी में नमक से संतुष्ट एक छत्तीसगढिया
"jvab nahee comendable"


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